shree ganga dushhera dwar patr 'Ganesh Ji'
Shree Ganga Dushhera Dwarpatr 'Ganesh Ji'
हर वर्ष जेष्ठ यानि जेठ महीने की शुक्ल पक्ष दसमी को गंगा दशहरा (Ganga Dushhera) के नाम से जाना जाने वाला हुआ कहा जाता है इस दिन माँ गंगा धरती पर अवतरीती हुई थी ! इस वर्ष गंगा दशहरा दिनांक 24 मई 2018 दिन बृहस्पतिवार को है । हमारे देश में हर जगह अलग अलग तरीके से त्योहारों को मनाया जाने वाला ठहरा ! उसी तरह ऐसा कहा जाता है कि गंगा दशहरा पर गंगा स्नान करना शुभ माना जाता है !


हमारे पहाड़ गाँव उत्तराखंड(Uttarakhand) में कुछ अलग तरह से इस गंगा दशहरा पर्व को मनाया जाता है इस दिन लोग बाग़ सुबह सवेरे उठ कर नहा धोकर घरों को गोबर और लालमिट्टी से लिपते हैं और फिर मंदिरों में धुप बत्ती करके देहली और खिड़की दरवाजों पर पंडित जी द्वारा दिया हुआ गंगा दशहरा द्वारपत्र(Ganga Dushhera Dwarpatr) चिपकाया जाता है, और फिर उसपर अछत पिठां भी लगाया जाता है ! 

Shree Ganga Dushhera Dwarpatr 'Shiv Ji'
Shree Ganga Dushhera Dwarpatr 'Shiv Ji'
गंगा दशहरा को “दसार”(Dasar) भी कहा जाता है हमारे गाँव में कुछ वर्षों तक ब्रहामंण (पंडित) जी लोग अपने हाथों से बनाकर सुन्दर द्वारपत्र अपने अपने जजमानों को देने घरों पर आते थे सुबह सवेरे इस दिन ! लेकिन अब धीरे धीरे बाजार में बने बनाये आने लगे हैं जिन्हें लोग डाउनलोड (Download) और प्रिंटआउट(Printout) निकालकर प्रयोग करने लगे हैं ! प्राचीन काल से बूढ़े बुजुर्गों की मान्यता है कि इन द्वारपत्रों को लगाने से घर पर प्राकृतिक आपदाओं(Natural Digaster) का भय नहीं होता था !


श्री गंगा दशहरा द्वारपत्र आज भी पहाड़ गाँव के हर घर पर लगाये जाते हैं, ये दिखने में वर्गाकार कागज के टुकड़े पर वृताकार आकार में होते हैं जिसमें घेरे के चारों ओर त्रिभुजाकार डिजाइन बना होता है कमल की फंखुड़ीयों समान और मध्य में अधिकांस भगवान श्री गणेश, माँ गंगा, माँ लक्ष्मी, श्री हनुमान एवं भगवान् शंकर का चित्र बना होता है और उनके चारों ओर एक घेरे में संस्कृत में एक मन्त्र लिखा होता है जो निम्न प्रकार है;
Shree Ganga Dushhera Dwarpatr 'Ma Laxmi'
Shree Ganga Dushhera Dwarpatr 'Ma Laxmi'

“अगस्त्यश्च पुलस्त्यश्च वैशम्पायन एव च । र्जैमिनिश्च सुमन्तुश्च पञ्चैते वज्रवारका: ।।
मुनेःकल्याणमित्रस्य जैमिनेश्चाऽनुकीर्तनात् । विद्युदग्नि भयं नास्ति लिखितं गृहमण्डले ।।
यत्रानुपायी भगवान् दद्यात्ते हरिरीश्वरः। भङ्गो भवति वज्रस्य तत्र शूलस्य का कथा ।।”

जिसका मतलब है ‘अगस्त्य,पुलस्त्य,वैश्भ्पायन,जैमिनी और सुमंत ये पंचमुनि वज्र से रक्षा करने वाले मुनि हैं।‘

आशा है आपको ये जरुर पसंद आयेगा, क्यूँ न अपनी लोकसंस्कृति को संजोने के लिये हम हर बार इन द्वारपत्रों को अपने ईष्ट मित्रों में बांटे गंगा दशहरा के अवसर पर !

मैं एक पहाड़ी हूँ और मैं अपनी ओर से हमेशा यही कोशिश करूँगा कि अपने पहाड़ गाँव की लोक संस्कृति और परम्पराओं को अपने स्तर पर संजो के रखूं !

Shree Ganga Dushhera Dwarpatr 'Shree Hanuman'
Shree Ganga Dushhera Dwarpatr 'Shree Hanuman'

आजकल प्रिंटेड दशहरा द्वारपत्रों में अशुद्ध मन्त्र भी देखने को मिलते हैं जो प्रायः गलत है इसका कोई शुभ फल भी नहीं मिलता है! इसलिये आप केवल सही मंत्रों वाले द्वारपत्र ही लगाएँ जो शुभ फल प्रदान करंगे। 



 अपने इस ठेठ पहाड़ी ब्लॉग के माध्यम से मैंने इस बार आप सभी के लिये कुछ श्री गंगा दशहरा द्वार पत्र डिजाइन किये हैं जिन्हें आप डाउनलोड करके प्रिंटआउट निकालकर प्रयोग कर सकते हैं मैं भी यही प्रयोग करता हूँ ! 

Shree Ganga Dushhera Dwarpatr 'Ma Ganga'
Shree Ganga Dushhera Dwarpatr 'Ma Ganga'


पहाड़ गाँव से जुड़ी हुई ठेठ पहाड़ी विडियो देखने के लिये आप “Gopu Bisht ‘ठेठ पहाड़ी यूट्यूब विडियो चैनल” देखना न भूलें।  























आप लोग भी डाउनलोड करके प्रिंट आउट निकाल सकते हैं इसका एक साथ....1 शीट में चार द्वारपत्र निकल जायांगे। लीजिये.... 
Shree Ganga Dushhera Dwarpatr 2018
1st Sheet

Shree Ganga Dushhera Dwarpatr 2018
2nd Sheet

3 Comments

  1. thank you gopu jee.

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  2. बहुत शानदार
    आपने हमे अपने रीती रिवाजो से जुडी जानकारी दी इसके लिए धन्यवाद

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